क्या है बैंक फिक्स्ड डिपाजिट और क्या आप जानते है उसके कुछ तथ्यों के बारे में?

बैंक हमे दो तरीके के डिपाजिट एकाउंट्स प्रधान करते है| करंट या सेविंग्स अकाउंट को डिमांड डिपाजिट नाम से जाना जाता है और फिक्स्ड या रेकरिंग डिपाजिट को टर्म डिपॉजिट्स कहा जाता है| लोग सेविंग अकाउंट बार या आय दिन लेंनदेंन के लिए खुलवाते है| और फिक्स्ड डिपाजिट या बैंक ऐफदी को लोग अक्सर जमा दान को एक साथ छुड़ाने लिए खुलवाते है|

इस बैंक ऐफदी मई बैंक जमा धन पर ब्याज देता है| अक्सर माध्यम वर्ग के लोग फिक्स्ड डिपाजिट का किसी विशेष परिस्तिथि में उपयोग करते है| बैंक किसी बी वक्त पर फिक्स्ड डिपाजिट से पैसे निकलने कि अनुमति नहीं देती है पर किसी विशेष परिस्तिथि में बैंक फिक्स्ड डिपाजिट का उपयोग करने कि इजाजत देती है|

आम तोड़ पर इसे बैंक ऐफदी तोडना कहा जाता है| इस के लिए बैंक जुरमाना ले सकता है

क्या आपकी बैंक ऐफदी सुरक्षित है?

फिक्स्ड डिपाजिट शुरू करने से पहले ये जानना बहुत जरुरी है कि आपकी ऐफदी सुरक्षित है या नहीं| कॉर्पोरेट डिपाजिट लोन अशुरक्षित होती है क्यूकि इसमें कोई गारंटी नहीं होती है| इसलिए लोग फिक्स्ड डिपाजिट करते है| अगर आपके पास लाख है तो आप दो अलग बैंको में अपना धन जमा करवा सकते है क्यूकि इस तरह से आपकी फिक्स्ड डिपाजिट शुरक्षित रहेगी|

बैंक ऐफदी वह रकम है जिस पर आपको फिक्स्ड ब्याज मिलता है| बैंक फिक्स्ड डिपाजिट कि अवधि ख़तम होने पर आपको आपकी पूरी जमा रकम वापिस मिल जाती है

कब फिक्स्ड डिपाजिट के लिए योग्य है?

बैंक ऐफदी के लिए आप कोई बी उम्र में लागु कर सकते है| कोई बी प्राइवेट कम्पनीज, सॉईटीएस, पार्टनर्स और हिन्दू परिवार फिक्स्ड डिपाजिट के लिए योग्य है|

अलग बैंको में ऐफदी करवाने का क्या फायदा?

एक ही बैंक मई फिक्स्ड डिपाजिट करने पर आपको काम ब्याज मिल सकता है जिससे रिस्क बढ़ेगा| तो बेहतर यह होगा कि आप अलग बैंको मई इन्वेस्ट करे ताकि ब्याज काम ज्यादा होने पर आपको कोई संकट ना आये| जैसे कि अगर आपके पास लाख है तो एक लाख कि डिपाजिट खुलवा दीजिये|