गर्दन के दर्द के राहत के लिए क्या करें?

गर्दन में दर्द होना एक आम समस्या हैं और यह किसी भी व्यक्ति को हों सकती हैं।वैसे आम तौर पर ये किसी खराब मुद्रा के कारण गर्दन की मांसपेशियों में तनाव पैदा हो सकता हैं।उदाहरण के लिए कंप्यूटर पर काम करते समय स्क्रीन की तरफ झुकना हो,या मोबाइल में अधिक देर तक झुक कर देखना हो,सोते समय ज़्यादा ऊंचा तकिया इस्तेमाल करना आदि।वैसे कुछ मेडिकल कारणों से भी गर्दन में दर्द हो सकता हैं।

गर्दन के दर्द को क्या कहते हैं? 

गर्दन के दर्द को सर्वाइकलगिया कहते हैं, इससे लोगों कि गर्दन में अकड़न महसूस होती हैं।वैसे आमतौर पर यह समस्या थोड़ी देर आराम करने या फिर व्ययाम करने से ठीक हो जाती हैं,लेकिन ऐसे में कई बार यह लंबे समय तक रह सकती हैं।

ऐसे में ज्यादातर मामलों में गर्दन का दर्द कोई गंभीर चिकित्सीय स्थिति में नहीं  होता हैं।लेकिन कुछ ही दिनों में इससे राहत मिलने लगती हैं।ऐसे कुछ मामलों में, गर्दन का दर्द एक गंभीर चोट या बीमारी का संकेत हो सकता हैं,जिसमें आपको डॉक्टर कि देखभाल की जरूरत होती हैं। 

आपने अगर वक्त रहते इसका इलाज नहीं कराया तो सर्वाइकल पेन भी हो सकता हैं और अगर आपको एक बार सर्वाइकल हो गया तो यह सिर्फ गर्दन तक सीमित नहीं रहता बल्कि धीरे-धीरे आपके पूरे शरीर के दूसरे भागों को भी प्रभावित करके अपनी पकड़ में ले लेता हैं।

आइए जानते हैं गर्दन में दर्द कौन-कौन से कारणों से होता हैं? 

गर्दन में दर्द यह समस्या काफी सारे कारणों से हो सकती हैं।इसलिए इसके कारणों का पता लगाना काफी मुश्किल होता हैं।

गर्दन को गलत तरीके से रखना 

 दर्द का सबसे बड़ा प्रमुख कारण यह हैं कि गर्दन को गलत मुद्रा में रखने से होता हैं, जैसे मोबाइल फोन का इस्तेमाल करना,लैपटॉप, लेटने, खाने इत्यादि की स्थितियों में होता हैं।

गलत तरीके से सोना

ऐसे में कोई व्यक्ति गलत तरीके में सोता हैं तो उसे गर्दन में दर्द की समस्या होने की संभावना काफी ज्यादा हो जाती हैं।

चोट लगना

 चोट लगना यह भी गर्दन के दर्द की वजह बन सकता हैं।ऐसे में मुख्य रूप से स्पोर्ट्स इंजरी या फिर अन्य कोई गतिविधियों को करते समय चोट लगने पर होता हैं।

हड्डियों का कमज़ोर होना

 यदि किसी भी व्यक्ति के शरीर की हड्डियाँ काफी कमज़ोर हो जाती हैं,तो उसे गर्दन में दर्द जैसी समस्या हो सकती हैं।

किसी तरह की बीमारी से पीड़ित होना

 अर्थराइटिस जैसी कई सारी बीमारियाँ भी गर्दन में चोट का कारण बन सकती हैं।

ऐसी स्थिति में आपको इन बीमारियों से पीड़ित लोगों का इलाज सही तरीके से कराना चाहिए ताकि उन्हें किसी और समस्याओं से गुजरना ना पड़े।

गर्दन में दर्द का इलाज कैसे करें?

गर्दन की एक्सरसाइज करना

गर्दन में दर्द का इलाज व्ययाम के द्वारा भी कम किया जा सकता हैं।इसके लिए आपको डॉक्टर या मेडिकल स्टाफ इस दर्द से पीड़ित लोगों की गर्दन की एक्सरसाइज करने में आपकी सहायता करेंगे।

फिज्योथेरेपी करना

गर्दन के दर्द को फिज्योथेरेपी की मदद से भी ठीक किया जा सकता हैं।इस तरह की थेरेपी आपके दर्द को कम करने के साथ इससे पीड़ित लोगों को आराम दिलाने में भी सहायता कर सकती हैं।

दवाई का सेवन करना

गर्दन में ज्यादा दर्द होने के कारण डॉक्टर गर्दन में दर्द से पीड़ित लोगों को दवाई भी देते हैं।ये दवाईयां इस दर्द को कम करने के साथ-साथ फैलने से भी रोकती हैं।

स्टेरॉयड इंजेक्शन लगाना

गर्दन में ज्यादा दर्द रहने पर इसे कम करने के लिए स्टेरॉयड इंजेक्शन का भी सहारा लिया जा सकता हैं।ये इंजेक्शन गर्दन के दर्द वाली जगह पर लगाई जाती हैं,इससे पीड़ित लोगों को आराम मिलता हैं।

सर्जरी कराना 

जब गर्दन में दर्द किसी भी अन्य तरीके से ठीक नहीं हो पाता हैं,तो इसका इलाज करने का एकमात्र विकल्प सर्जरी ही हैं जो दर्द से आपको राहत दिलाएंगा।

गर्दन के दर्द को राहत दिलाने के लिए आप घर पर सेल्फ ट्रिटमेंट भी कर सकते हैं।

योगा करना

गर्दन के दर्द को  योगा के माध्यम से इसे ठीक किया जा सकता हैं।इसके लिए आपको संगासान, मत्यासान, सेसुबंध आसान जैसे योगासन को करना लाभकारी साबित हो सकता हैं इससे दर्द में  राहत मिल सकती हैं।

व्यायाम करना

गर्दन में दर्द के लिए आप व्यायाम भी कर सकते हैं।उसके लिए आपको दाई-बाई ओर घुमाना,गर्दन को आगे-पीछे हिलाना,गर्दन को ऊपर-नीचे हिलाना आदि एक्सराइज़ की जा सकती हैं।

गर्दन पर गर्म रेती का सेक या बर्फ के टुकड़े का इस्तेमाल करना।

 इस दर्द के लिए गर्म पानी, रेती या बर्फ के टुकड़े का गर्दन पर रखना और इसका इस्तेमाल करना लाभकारी साबित हो सकता हैं।ऐसा करने से गर्दन में दर्द कम हो सकता हैं।

गर्दन को धीरे-धीरे हिलाना

 गर्दन में दर्द होने पर गर्दन अकड़ जाती हैं,जिसकी वजह से उनके लिए गर्दन को हिलाना भी बहुत मुश्किल हो जाता हैं।ऐसी स्थिति में गर्दन को धीरे-धीरे हिलाना सही तरीका साबित हो सकता हैं।

कैसे तेजी से घटाय पेट की चर्बी और अपना वजन?

आप अगर मोटापे से परेशान हैं तो जब भी मोटापा बढ़ता हैं तो पेट की चर्बी भी बढ़ने लगती हैं।यह ऐसी समस्या हैं,जिससे ज्यादा से ज्यादा लोग परेशान हैं और ईसेकम करना चाहते हैं। 

स्वस्थ्य विशेषज्ञ के मुताबिक ऐसा कहा गया हैं कि पेट के आसपास में जमा चर्बी को कम करने में बहुत मेहनत करनी पड़ती हैं।इसलिए आपको एक सही आहार और शारीरिक गतिविधि  भी बहुत जरूरी हैं।

आज की जीवन शैली  ने लोगों के मोटापे को ज्यादा बढ़ा दिया हैं।यही वजह हैं कि आपको हर तीसरे व्यक्ति में पेट पर चर्बी दिखाई देंगी।यही कारण हैं कि वह ना केवल अपनी उम्र से ज्यादा नजर आते हैं और बल्कि उनके पेट पर जमा चर्बी उनकी पूरी व्यक्तित्व को बदल देता हैं।आमतौर पर हर व्यक्ति यही चाहता हैं कि वह फिट रहें और अपनी उम्र से कम ही नजर आए लेकिन ऐसा होता नहीं हैं।अकसर लोग ऐसी गलतियां जरूर करते हैं,जिसका उन्हें भी नहीं पता होता हैं और पेट पर चर्बी बढ़ती ही जाती हैं। ऐसे कई लोगों में पेट पर चर्बी जमा होने का कारण आनुवंशिक  भी होता हैं।ऐसे कई व्यक्ती हैं जिनका स्वस्थ्य ठिक न होने के कारण भी उनमें मोटापे की शिकायत बढ़ती जाती हैं। 

मोटापा बढ़ने के साथ सबसे बड़ी समस्या ये आती हैं कि कमर के आस-पास चर्बी बढ़नी शुरू हो जाती हैं।आपने यदि सही समय पर इसका ध्यान नहीं दिया तो इसे कम कर पाना मुश्किल हो जाता हैं। ऐसे में मोटापा बढ़ने के पीछे कई कारण होते हैं जैसे की अनियमित रूप से भोजन का सेवन करना,खाने में घी,तेल का ज्यादा इस्तेमाल,पूरे दिन एक जगह बैठे रहना,या बाहर का नाश्ता ज्यादा खाना।ऐसे कई कारण हो सकते हैं जिससे मोटापे के साथ-साथ कमर की चर्बी भी बढ़ना शुरू हो जाती हैं।आप अगर अपने पेट कि जमा चर्बी से परेशान हैं तो आपको चर्बी को कम करना होगा।जिससे आपकी कुछ ही दिनों में पेट पर जमा चर्बी पिघलने लगेंगी और आप बिल्कुल पतले हो जाएंगे।

आइए इसलिए जानते हैं कि इन आसान से उपायों के बारे में जिससे वजन को कम करें बढ़ी हुई चर्बी को भी कम करने में लाभदायक साबित हो।

पेट की चर्बी को कम करने के लिए व्यायाम करें।

दौड़ना

आपके  शरीर को चुस्त व दुरुस्त रखने के लिए भागने के फायदे हो सकते हैं। वैसे दौड़ लगाने से हृदय अच्छे से काम कर पाता हैं और इससे ज्यादा कैलोरी भी बर्न होती हैं।इससे आप धीरे-धीरे अपनी चर्बी कम कर सकते हैं।शुरुआत में कुछ मीटर ही दौड़ें और ज्यादा तेज न दौडें धीरे-धीरे दौड़ें।जब शरीर को इसकी आदत हो जाए, तो गति और समय दोनों को बड़ा सकते हैं।दौड़ना और पेट की चर्बी को कम करने के लिए यह एक आसान उपाय   हैं। 

साइकिलिंग

पेट कि चर्बी को कम करने के लिए व्यायाम के रूप में साइकिलिंग भी की जा सकती हैं।यह सबसे बेहतर व आसान कार्डियो व्यायाम हृदय के लिए माना जाता हैं।आपकी इससे पैरों, टांगों की अच्छी व्यायाम हो सकती हैं।इस के साथ ही शरीर की अतिरिक्त चर्बी व कैलोरी भी कम कि जा सकती हैं। इसलिए यहीं वजह हैं कि साइकिलिंग के फायदे में पेट की चर्बी को कम कर सकते हैं।

आधा उठाना 

पेट की चर्बी को कम करने की व्यायाम में आधा उठाना भी शामिल होते हैं।इस व्यायाम से न सिर्फ पेट की नहीं बल्कि शरीर के अन्य हिस्से की चर्बी भी कम हो सकती हैं।यह व्यायाम आप सुबह या शाम कभी भी कर सकते हैं पांच से दस मिनट तक की जा सकती हैं।

सीढ़ियां चढ़ना और उतरना

पेट को कम करने के लिए व्यायाम के साथ सीढ़ियों को चढ़ने और उतरने से भी ज्यादा चर्बी को कम किया जा सकता हैं। उसके लिए आपको रोजाना सुबह-शाम करीब10 मिनट घर की सीढ़ियो पर चढ़ना और उतरना शुरू किया जा सकता हैं। दफ्तर जाते-आते समय गाड़ी कि जगह पैदल जाएं और लिफ्ट की जगह सीढ़ियों का इस्तेमाल करें और पेट कि चर्बी को कम करें।यही वजह हैं जिससे आप पेट की चर्बी को कम करें।

पैदल चलना

बढ़ा हुआ पेट कम करने के लिए रोज सुबह-शाम आधा घंटा पैदल चला जा सकता हैं।इससे शरीर में जमी अतिरिक्त चर्बी कम हो सकती हैं।ऐसा अगर संभव हैं तो तेज कदमों से चलें।इससे बढ़ा हुआ पेट कम हो सकता हैं और यह एक आसान और सुरक्षित माना गया हैं।

पेट की चर्बी को कम करने के लिए क्या खाएं।

सूप 

पेट की चर्बी को कम करना चाहते हैं,तो सूप को जरूर पिएं।इसका रात के समय में सेवन करने से वजन कम करने में आपको मदद मिल सकती हैं।यह लाइट वेट होता हैं और इसमें अधिक कैलोरी नहीं होती हैं,जिस वजह से चर्बी को बढ़ने नहीं देता हैं।

फल 

पेट को कम करने के लिए फल का सेवन भी जरूर करे।फल शरीर का जरूरी पोषक तत्व हैं।उसके साथ ही वजन को नियंत्रित रखने में भी मदद कर सकते हैं। ऐसा माना जाता हैं कि फलों में मौजूद फाइबर वसा कम कर सकता हैं।यही वजह हैं अपनी नियमित दिनचर्या में फल को शामिल करना जरूरी हैं।

सब्जियां 

 सब्जियां आपके शरीर को स्वस्थ बनाए रखने और चर्बी को कम करने में आपकी मदद कर सकती हैं,क्योंकि इनमें कम कैलोरी होती हैं।

साबुत अनाज 

 साबुत अनाज को आप अपने आहार में शामिल कर सकते हैं।वजन को काफी हद तक  काबू में रखा जा सकता हैं।यह अनाज फाइबर से भरपूर होता हैं,यह अतिरिक्त चर्बी को कम करने में लाभदायक सिद्ध हो सकते हैं।

नट्स 

बादाम, काजू और अखरोट जैसे नट्स भी वजन कम करने में आपकी सहायता कर सकते हैं।ऐसा कहा जाता हैं कि लंबे समय तक सीमित मात्रा में मेवे का सेवन करने से शरीर में ऊर्जा बनी रहती हैं।इससे बार-बार खाने की इच्छा भी नियंत्रित हो सकती हैं।

बीन्स 

 पेट कम करने के लिए आप बीन्स को भी अपने आहार में शामिल कर सकते हैं। फिर चाहे हरी बीन्स हों या दाल वाली बीन्स, सभी वजन कम करने में आपकी मदद कर सकते हैं।ये फाइबर में बार-बार लगने वाली भूख को कम करने और अधिक खाने की इच्छा को नियंत्रित करके वजन कम करने में आपकी सहायता कर सकते हैं।

चर्बी मुक्त दूध और अन्य डेयरी उत्पाद  

आप अगर दूध पीने के शौकीन हैं,तो चर्बी मुक्त दूध   का सेवन करना भी पेट कम करने के उपाय में से एक हैं।एक शोध  के मुताबिक ऐसा बताया गया हैं कि वसा मुक्त दूध और अन्य डेयरी उत्पाद से भी पेट कम करने के उपाय हो सकते हैं।

घुलनशील फाइबर 

यह चर्बी घटाने के उपाय में घुलनशील फाइबर भी बेहतरीन तरीका हैं।इसका सेवन करने से भूख कम लगती हैं, जिससे बार-बार खाने की इच्छा नियंत्रित हो सकती हैं।इस प्रकार बढ़ते वजन पर काबू किया जा सकता हैं।

प्रोटीन युक्त भोजन 

 प्रोटीन युक्त खाद्य पदार्थ का सेवन करने से वजन कम करने में सहायता मिल सकती हैं।प्रोटीन रिच फूड में ओट्स, चिया सिड्स, मसूर की दाल, एवोकाडो, सोया दूध आदि शामिल होते हैं।इसलिए, इसे भी पेट अंदर करने के उपाय में शामिल किया जा सकता हैं।

पेट की चर्बी को कम करने के लिए योग।

कपालभाति

पेट कि चर्बी को कम करने के लिए यह इलाज के रूप में कपालभाति योगासन को किया जा सकता हैं।ऐसा कहा जाता हैं कि इसके परिणाम जल्द ही देखने को मिलते हैं।पेट के आसपास की चर्बी के साथ ही यह नितंब की चर्बी को भी कम कर सकता हैं। ऐसा माना जाता हैं कि इसे नियमित रूप से करने से कब्ज, गैस व एसिडिटी जैसी समस्याएं कम हो सकती हैं।इससे पेट की नसें मजबूत होती हैंऔर पाचन तंत्र को भी अच्छा करने में भी इसे सहायक माना जाता हैं।

अनुलोम-विलोम प्राणायाम

पेट की चर्बी को कम करने के लिए आप अनुलोम-विलोम प्राणायाम भी कर सकते हैं।यह सबसे आसान हैं करने में,लेकिन मोटापा कम करने में यह कारगर हो सकता हैं।इसे मुख्य रूप में नाड़ी शोधन प्राणायाम भी कहते हैं।इससे आपके शरीर में रक्त का प्रवाह ठीक हो जाता हैं।

पेट की चर्बी को कम करने लिए कुछ और टिप्स।

संतुलित मात्रा में खाना खाए

दिनभर में तीन बार भूख से अधिक खाना खाने से पेट कम नहीं होगा।पूरे दिन में  हर तीन से चार घंटे में थोड़ा-थोड़ा खाना खाया करें।इससे पाचन भी अच्छा होगा और शरीर में अतिरिक्त चर्बी भी नहीं होगी।यही वजह हैं कि संतुलित मात्रा में भोजन करना।

अधिक पानी पिएं 

 दिनभर में ज्यादा से ज्यादा गिलास पानी पीना सेहत के लिए जरूरी होता हैं।पानी तभी नहीं पीना चाहिए,जब आपको प्यास लगी हो या फिर गला सूख रहा हों।हर समय पर थोड़ा-सा पानी पीना चाहिए। पानी पीने से आपकी ओवर इटिंग की आदत कम हो सकती हैं। 

नाश्ता स्किप ना करें

जितना जरूरी आपके लिए पानी पीना होता हैं, उतना ही जरूरी नाश्ता होता हैं। कुछ लोग ऐसा सोचते हैं कि नाश्ता नहीं करने से वजन कम होता हैं जबकि ऐसा बिल्कुल नहीं है।उल्टा नाश्ता स्किप करने से भूख बढ़ती हैं और आप ज्यादा खा सकते हैं,जिससे वजन बढ़ने की समस्या पैदा हो सकती हैं।

भरपूर नींद करें

 पेट की चर्बी को कम करने के लिए भी काम करते हैं,जब व्यक्ति पूरी नींद लेता हैं।हर किसी को सात-आठ घंटे की नींद लेनी ही चाहिए। सबसे कम या ज्यादा सोना, दोनों ही वजन बढ़ाने के लिए अहम कारण हैं।ऐसा कहा भी जाता हैं कि अगर आप पूरी नींद सोते हैं,तो पाचन तंत्र अच्छे से काम करता हैं और भोजन को पचने में भी मदद मिलती हैं।

सर्दियों में दिल के स्वास्थ्य में सुधार के लिए अपनाएं ये कुछ आदतें।

सर्दियों का मौसम दिल के रोगियों के लिए काफी खतरनाक माना जाता हैं।इस मौसम में शरीर में मौजूद खून की थिकनेस बढ़ जाती हैं और पारा गिरने के कारण ब्लड वेसल्स सिकुड़ जाते हैं।जिससे दिल में रक्त का प्रवाह ठीक तरह से नहीं हो पाता हैं।

चिकित्सकों के अनुसार ऐसा कहा गया हैं कि सर्दी में कई बार आपके शरीर को आवश्यकता के अनुसार ऑक्सीजन और पोषक तत्वों की जरूरतों को पूरा करने के हिसाब से शरीर में पर्याप्त मात्रा में खून पंप नहीं हो पाता हैं, इस वजह से इनका दिल पहले से कमजोर हो जाता हैं।उन मरीजों को सांस लेने की तकलीफ हो जाती हैं।ठंड के मौसम में तापमान कम हो जाता हैं।यह कारण हैं जिसे ब्लड वेसल्स सिकुड़ जाते हैं।इससे शरीर में खून का संचार अवरोधित होता हैं।इससे हृदय तक ऑक्सीजन की मात्रा कम हो जाती हैं। हृदय को शरीर में खून और ऑक्सीजन पहुंचाने के लिए अतिरिक्त श्रम करना पड़ता हैं।सर्दियों के मौसम में,धुंध और प्रदूषक जमीन के और करीब आकर बैठ जाते हैं।जिससे छाती में संक्रमण का खतरा बढ़ जाता हैं और सांस लेने में परेशानी होती हैं।ऐसे में हार्ट के मरीजों को इससे बहुत परशानी होती हैं।

ठंड के दिनों में पसीना नहीं आता हैं।इसकी वजह यह हैं कि इंसान का शरीर अतिरिक्त पानी नहीं निकाल पाता हैं और उसकी वजह यह हैं कि फेफड़ों में पानी जमा हो जाता हैं, तो ऐसे में भी हार्ट फेल हो सकता हैं।डाॅक्टर का मानना हैं कि सूरज की रोशनी में विटामिन-डी होता हैं यदि आप धूप नहीं लेते हैं, तो हृदय में  टिशूज ज्यादा बनने लगते हैं, जो हृदय के लिए अच्छे नहीं होते हैं। सर्दि  के दिनों में संक्रमण का खतरा ज्यादा बढ़ जाता हैं और दिल के मरीजों को सांस लेने में परेशानी होने लगती हैं।

 ।खासतौर पर हार्ट फेल मरीज सांस लेने में तकलीफ का अनुभव करते हैं और प्रदूषक लक्षणों को और भी गंभीर बना देते हैं,जिसकी वजह से गंभीर मामलो में अस्पताल में भर्ती कराना पड़ सकता हैं।

सर्दियों के मौसम में कैसे रखें अपने हृदय का ख्याल।

पोटेशियम युक्त फल और हरी सब्जियों का सेवन करें।

सर्दियों में आपके हृदय के स्वास्थ्य का ख्याल रखने के लिए पोटेशियम बहुत लाभकारी होता हैं।पोटेशियम युक्त फल और सब्जियां जैसे खट्टे फल और हरी पत्तेदार सब्जियां आपके ब्लड प्रेशर को नियंत्रित करने में आपकी सहायता करती हैं।इनका सेवन करने से आपको फाइबर भी मिलता हैं जो कि कॉलेस्ट्रॉल को कम करने में मदद करता हैं।इससे हृदय संबंधी रोग का जोखिम कम करने में आपको मदद मिल सकती हैं।

ड्राय फ्रूट्स और नट्स का करें सेवन करें।

बीएमजे ओपन जर्नल के एक अध्ययन के अनुसार ऐसा बताया गया हैं कि ड्राय फ्रूट्स और नट्स हृदय संबधी रोगों के जोखिम को कम करने में मददगार साबित होता हैं।ये न सिर्फ आपके रक्त में से वसा को संतुलित बनाए रखने में आपकी मदद करता हैं,बल्कि हानिकारक कोलेस्ट्रॉल को नियंत्रित करने में भी मदद मिलती हैं।ड्राय फ्रूट्स और नट्स में मैग्नीशियम, विटामिन-ई,फाइबर और पोटेशियम जैसे पोषक तत्वों की भरपूर मात्रा मौजूद होती हैं।जो आपके दिल के स्वास्थ्य के लिए बेहद फायदेमंद माने जाते हैं।

भले ही आपको कोई मेटाबॉलिज्म संबंधी समस्या न हो, मोटापा लगभग सभी दिल की बीमारियों के जोखिम कारकों को प्रभावित करता हैं।इसलिए अगर आपको अपने हृदय के स्वास्थ्य को बेहतर बनाए रखना है तो अपने वजन को नियंत्रित रखना जरूरी हैं।

अल्कोहल और धूम्रपान का सेवन ना करें।

शराब और धूम्रपान कि वजह से आपका ब्लड प्रेशर अनियंत्रित हो सकता हैं। आपके हृदय स्वास्थ्य के लिए एक गंभीर जोखिम कारक साबित हो सकता हैं। ऐसा भी बताया गया है कि अल्कोहल का अधिक मात्रा में सेवन करने से आपका वजन बढ़ जाता हैं।जो आपके हृदय कि संबंधी समस्याओं का प्रमुख जोखिम कारक हैं।

नियमित योगाभ्‍यास करें

योग आपके संपूर्ण स्वास्थ्य के लिए बहुत लाभकारी होता हैं।दिल से संबंधी रोगों के जोखिम को कम करने में योग का कारगर उपाय हैं।हार्वर्ड मेड़िकल में प्रकाशित एक रिपोर्ट के अनुसार ऐसा माना जाता हैं कि योग करने से आपको ब्लड प्रेशर को नियंत्रित ऱखने में मदद मिलती हैं।आपको साथ ही योग से हृदय की आर्टरी में रक्त के प्रवाह को सुचारू बनाने में मदद मिलती हैं।आपको इसके अलावा योग से अवसाद और चिंता जैसे मानसिक विकारों से राहत पाने में भी सहायता मिलती हैं।इससे हार्ट रेट सामान्य रहता हैं।

वजन को बढ़ने न दें।

वजन बढ़ना आपके दिल के लिए बहुत नुकसानदायक  साबित हो सकता हैं। द लैंसेट डायबिटीज़ एंड इंडोक्राइनोलॉजी में प्रकाशित एक अध्ययन के अनुसार मोटापा हृदय संबंधी समस्याओं के लिए एक महत्वपूर्ण जोखिम कारक हैं।

आपको भले ही कोई मेटाबॉलिज्म संबंधी समस्या न हो तो मोटापा लगभग सभी दिल की बीमारियों के जोखिम कारकों को प्रभावित करता हैं।इसलिए आपको अगर अपने हृदय के स्वास्थ्य को बेहतर बनाए रखना हैं तो अपने वजन को नियंत्रित रखना बेहद जरूरी हैं।

एक्सरसाइज क्यों जरूरी हैं।

अमेरिकन हार्ट एसोसिएशन के जर्नल सर्कुलेशन के अनुसार एक गतिहीन या निष्क्रिय जीवन शैली लगातार हृदय रोग के लिए शीर्ष पांच जोखिम कारकों में से एक रही है। जिन लोगों की शारीरिक फिटनेस कमजोर होती है वे हार्ट अटैक जैसी गंभीर हृदय संबंधी समस्याओं का अनुभव करते हैं। इसलिए एक्सरसाइज करना आपके लिए बहुत जरूरी है क्योंकि ये न सिर्फ आपको फिट रहने में मदद करता है, बल्कि आपके हृदय संबंधी समस्याओं के जोखिम को भी कम करता हैं।

ठंड में एक्सपोजर से बचें।

दिल की सेहत बनाए रखने के लिए आपको हमेशा गर्म और आरामदायक कपड़े पहनने चाहिए।अन्यथा आपकी रक्त कि वाहिकाएं संकुचित हो जाएंगी। अधिक ठंड होने पर सुबह जल्दी और सूर्यास्त के बाद बाहर जाने से भी बचें। दिन के समय में कुछ देर सूरज की धूप लें।रूम हीटर को चालू रखें और अपने कमरे में वेंटिलेशन भी जरूर बनाए रखें।

सदियों में वजन बढ़ने से बचने के उपाय।

सर्दी के मौसम में आप खासतौर पर सुबह उठने से हिचकिचाहते होंगे क्योंकि आलस  के कारण रजाई से निकलने का मन ही नहीं करता हैं। मोटे लोग अपना वजन कम करने के लिए परेशान रहते हैं।गर्मी के मौसम में पसीना बहाने के मौके हर समय मिल जाते हैं, लेकिन असल समस्या ठंड के मौसम में आती हैं।

 इसलिए सर्दियों का मौसम कई लोगों को कुछ खास पसंद नहीं आता हैं।वो इसलिए क्योंकि आपको लगता हैं कि सर्दियों के मौसम में आपका वजन तेजी से बढ़ता हैं लेकिन ये सच नहीं हैं। लेकिन सर्दियों का मौसम सेहत के लिए काफी अच्छा माना जाता है।बल्कि सर्दियों के इस मौसम में आपका शरीर तेजी से कैलोरीज बर्न करता हैं।

आपको और ये जानकर भी हैरानी होगी कि गर्मियों की तुलना में सर्दियों में आपका शरीर ज्यादा तेजी से वजन कम कर सकता हैं।

सदियों के इस मौसम में वजन कम करने के आसान तरीके।

सर्दि के इस मौसम में व्यक्ति को बहुत आलस आता हैं और इसकी वजह यह हैं कि फिजिकल एक्टिविटी काफी कम हो जाती हैं। इस मौसम में लोगों को खूब खाने का भी मन करता हैं जैसे चटपटा,अचार, तला-भुना, घी वाले लड्डू, गाजर का हलवा,सरसों का साग,गुलाब जामुन और पकौड़ियां खूब खाते हैं।इससे सर्दियों में वजन बढ़ने का अधिक चांस रहता हैं।

लेकिन आप अगर चाहें तो अपना वजन सर्दियों में भी बढ़ने से रोक सकते हैं।आप ऐसा भी कर सकते हैं कि अपने खाने-पीने पर ध्यान रखकर बहुत आसान तरीके से वजन कम कर सकते हैं।ठंड के इस मौसम में खाने की कुछ चीजें बढ़ते वजन को कंट्रोल रखने में आपकी सहायता करती हैं।

यह चीजें न सिर्फ आपका वजन घटाती हैं,बल्कि पेट की चर्बी को भी तेजी से कम करने में आपकी सहायता भी करती हैं। वजन घटाना इतना आसान काम नहीं हैं और ये चुनौतीपूर्ण तब हो जाता हैं जब ठंड का मौसम आपके लिए परेशानी बन जाए। 

ठंड का मौसम आपके वजन घटाने की प्रक्रिया में कई तरीकों से अर्चन डालता हैं जैसे आप फुर्तीले नहीं रहते, पानी कम पीते हैं, प्रोसेस्ड फूड खाना शुरू कर देते हैं और सूरज की कमी की वजह से हमारी बॉडी को पर्याप्त विटामिन डी नहीं मिल पाता। 

यह सभी कारक मेटाबॉलिस्म को धीमा कर देते हैं, जिसकी वजह से शरीर को वजन कम करने में और हेल्दी वेट बनाए रखने में समस्या पैदा होती हैं। इन कारणों से कई लोगों का वजन सर्दियों में बढ़ जाता हैं  जिसे आम भाषा में विंटर वेट कहते हैं।

मास्ट्रिच यूनिवर्सिटी मेडिकल सेंटर के वैज्ञानिकों के द्वारा की गई एक रिसर्च में यह बताया गया कि ठंड में वजन तेजी से कम किया जा सकता हैं।उनका मानना यह हैं कि ठंड में तापमान कम रहता हैं जिससे ज्‍यादा कैलोरी बर्न कर सकते हैं। 

वैज्ञानिकों के अनुसार ऐसा माना जाता हैं कि ठंड में घर,ऑफिस और अस्पतालों में सुविधा के लिए उच्‍च तापमान रखा जाता हैं,जो कि अनफिट हैं और बॉडी के लिए सही नहीं हैं।उनका मानना यह हैं कि 19 डिग्री सेल्सियस तापमान सही संतुलन के लिए पर्याप्त हैं।

लेकिन मास्ट्रिच यूनिवर्सिटी के प्रमुख शोधकर्ता के अनुसार इतना तापमान पूरे दिन के लिए सही नहीं हैं।ठंड में शरीर की ऊर्जा 6 फीसदी तक बढ़ जाती हैं और लंबे समय तक बदलाव हो सकते हैं।इससे खाने में बदलाव और व्‍यायम किए बिना वजन कम करने में मदद मिल सकती हैं।

वैज्ञानिकों के अनुसार यह बताया गया हैं कि युवा और मध्‍यम आयु वर्ग के लोग ठंड का सामना करने के लिए अपने शरीर की ऊर्जा से 30 फीसदी गर्मी का उत्‍पादन कर सकते हैं।इसका मतलब ये कि कम तापमान वसा को जमा करने की बजाय कैलोरी बर्न करने के अनुपात को बढ़ा सकता हैं। 

जापान के एक रिसर्च ग्रुप ने अपनी एक रिसर्च में यह पाया हैं कि छह हफ्ते तक 17 डिग्री सेल्सियस में दो घंटे तक काम करने वाले स्वयंसेवकों का बॉडी फैट तेजी से कम हो रहा था।

 

इसके साथ ही अगर आप कुछ आसान उपायों पर ध्यान दें तो आप सर्दियों में फिट और फाइन रह सकते हैं

सुबह की सैर करे

सर्दियों के मौसम में सुबह उठना थोड़ा सा मुश्किल होता हैं।सुबह उठकर सैर करने से आपका वजन तेजी से कम होगा।  आपको एनर्जी के साथ ही विटामिन डी सूर्य के माध्यम से मिल जाएगी।जिससे वजन कम होने के साथ आपकी हड्डियां भी मजबूत होगी।

सुबह की सैर करने से न केवल आपकी कैलोरी बर्न होगी बल्कि उसके बाद अधिक मात्रा में खाना खाने से भी बचेंगे।

भरपूर नींद है जरूरी

ठंड के मौसम में गर्म-गर्म कंबल या रजाई में अच्छी नींद आती हैं।ऐसे में कई रिसर्च के अनुसार भरपूर नींद लेने से भी वजन कम करने में काफी सहायता मिलती हैं। इसलिए 7-8 घंटे सोने की आदत डाले।

घर के ज्यादा कामों में शामिल हों।

आप अगर एक्सरसाइज के लिए बाहर नहीं जाना चाहते हैं, तो अपने आप को घर के अंदर कि फिजिकल एक्टिविटीज में शामिल जरूर करें।

आपको ये जानकर हैरानी  होगी कि घर के काम जैसे सफाई, धुलाई, पोछा और दूसरी चीजें करने से भी आप काफी मात्रा में कैलोरी बर्न कर सकते हैं।घर से काम करते हुए भी हर 30 मिनट के बाद अपनी सीट से उठें और अपने घर के आस-पास थोड़ा टहलें या बहार सैर करें।

प्रोटीन युक्‍त खाना खाएं

कई लोगों का मानना हैं कि ज्‍यादा प्रोटीन वाला खाना आपके शरीर के लिए सही नहीं होता और इसे मोटापा भी बढ़ता हैं। लेकिन ये सही नहीं हैं।आप अपने खाने में अंडे, पनीर और दूध शामिल कर सकते हैं।

इसके अलावा दाल, मटर और सेम भी प्रोटीन के अच्‍छे स्रोत हैं।आप अगर नॉनवेज खाते हैं तो आपके लिए चिकन और फिश बेहतर ऑप्‍शन हैं।लेकिन ध्‍यान रहे कि एक्‍सरसाइज कभी ना छोड़ें और केवल प्रोटीन युक्‍त भोजन खाकर वजन करने की उम्‍मीद ना रखें।

ठंड के मौसम में इन चीजों का इस्तेमाल करने से वजन कंट्रोल में रह सकता हैं।

गर्म पानी से बचें

सर्दी के मौसम में ज्यादातर लोग गर्म पानी पीना पसंद करते हैं,लेकिन अगर आप अपना वजन बनाए रखना चाहते हैं तो आपको ठंडे पानी का सेवन करने की सलाह देंगे।

स्टडीज के मुताबिक ऐसा पता चलता हैं कि शरीर के मूल तापमान से ज्यादा ठंडा लिक्विड पीने से शरीर को गर्म करने के लिए ज्यादा मेहनत करनी पड़ती हैं।

आप अगर ठंडा पानी नहीं पी सकतें हैं तो कम से कम सामान्य पानी पीने की कोशिश करें।

शराब का सेवन ना करें

आप अगर गर्माहट पाने के लिए शराब का सेवन कर रहे हैं,तो यह आपका वजन तेजी से बढ़ा सकता हैं।ठंड के मौसम में शराब का सेवन कम करें और आप अपना वजन कंट्रोल कर सकते हैं।

ठंड के मौसम में इन खाद्य पदार्थ का सेवन करने से आपका वजन कम कर सकते हैं।

सब्जियों का सूप

ऐसा खाने का सेवन करना चाहिए,जिनमें पानी की मात्रा सबसे ज्यादा होती हैं।इनमें कैलोरी की मात्रा कम होती हैं और पानीअधिक होता हैं।ऐसे में आप वेजिटेबल सूप और अन्य सब्जियों का सूप पी सकते हैं।इसके अलावा फलों का ताजा रस भी आपके वजन घटाने में बड़ी  सहायता कर सकता हैं। 

हर्बल चाय और ब्लैक कॉफी पिएं।

आप नियमित कॉफी और चीनी और दूध से भरी चाय के बजाय हर्बल चाय और ब्लैक कॉफी का सेवन करें।ऊलोंग चाय, हिबिस्कस चाय, ब्लैक टी या ब्लैक कॉफी एंटीऑक्सिडेंट से भरपूर होती हैं।

इन्हें नियमित रूप से पीने से आपका मेटाबॉलिज्म तेज हो सकता हैं और आपको तेजी से फैट बर्न करने में  सहायता मिलती हैं।

गाजर

ठंड के मौसम में आप गाजर का हलवा तो खूब खाते होंगे और हर किसी का ये मनपसन्द  भी होता हैं।आप केवल इसे हलवे के तौर पर ही नहीं बल्कि ये आपकी सेहत का भी बहुत अच्छे से ख्याल रखता हैं‌।

दरअसल आप गाजर आपके फैट बर्न करने में बहुत कारगर साबित होता हैं।गाजर में फाइबर भी अधिक मात्रा में होता हैं और इसी वजह से गाजर पाचन क्रिया भी बेहतर करता हैं।

ऐसे में आप इसकी सब्जी बनाकर खाएं या फिर इसे सलाद के तौर पर इसका इस्तेमाल कर सकते हैं।

सेब

सेब खाने की सलाह डॉक्टर आपको हमेशा से ही देते हुए आए हैं।सेब स्वास्थ्य और त्वचा दोनों के लिए फायदेमंद माना जाता हैं। आप अगर रोज सुबह एक सेब का सेवन करते हैं तो वजन कम करने में बहुत सहायता मिलती हैं।

चुकंदर

चुकंदर आयरन का एक बेहतरीन स्त्रोत हैं।चुकंदर आपके शरीर में खून की कमी को दूर करता हैं।इसे डाइट में शामिल जरूर करें और इससे शरीर में खून भी बढ़ता हैं।चुकंदर का सेवन जूस और सलाद के रूप में किया जा सकता हैं। आप सर्दियों में अपने वजन को कंट्रोल में रखना चाहते हैं तो नियमित रूप से चुकंदर का जूस पी सकते हैं।

टमाटर

टमाटर का उपयोग  सब्जी दाल को स्वादिष्ट बनाने के लिए किया जाता हैं। लेकिन आप जानते हैं  कि यह खाने को स्वादिष्ट बनाने के साथ ही वजन कम करने में भी फायदेमंद होता हैं।टमाटर में मौजूद पोषक तत्व वजन को कंट्रोल में रखने में आपकी मदद करते हैं।

संतरा

ठंड के मौसम का एक सबसे बेहतरीन मौसमी और लोकल फल संतरा हैं।यह स्वादिष्ट और पौष्टिक होता हैं।संतरे में विटामिन सी की अधिकता होती हैं जो वजन कम करने में मदद करता हैं। इसलिए सर्दियों के मौसम में अपना वजन कम करने की सोच रहे हैं तो संतरे को अपनी डाइट में जरूर शामिल करें।

नाशपाती

नाशपाती में कई ऐसे पोषक तत्व मौजूद होते हैं जो वजन घटने के साथ-साथ आपके शरीर को भरपूर न्यूट्रिएंट प्रदान कर सकते हैं।ठंड में वजन कम करने के लिए नाशपाती का सेवन करना बहुद फायदेमंद होता हैं।नाशपाती में फाइबर बहुत अच्छी मात्रा में होता हैं फाइबर भूख को कंट्रोल करता हैं जिससे आपका वजन कंट्रोल में रहता हैं।

मूली

सर्दि के मौसम में अधिकतर लोग बाहर का जंक फूड फास्ट फूड और तरह-तरह के पकवान खाना बहुत पसंद करते हैं। जिससे वजन तेजी से बढ़ने लगता हैं। ऐसे में मूली आपकी सहायता कर सकता हैं। मूली जंक फूड से शरीर को होने वाले नुकसान से भी बचा सकता हैं। मूली में पर्याप्त मात्रा में फाइबर होता हैं जो आपके वजन को कंट्रोल रखता हैं।

पत्तागोभी

सर्दियों के मौसम में पत्तागोभी सबसे अधिक खाए जाने वाली सब्जियों में से एक हैं।आप अगर वजन कम करना चाहते हैं तो सर्दियों में इसका सेवन करना बेहद फायदेमंद हो सकता हैं।पत्तागोभी में विटामिन सी भी होता हैं जिससे वजन नियमित रहता हैं।वजन को कंट्रोल करने के साथ ही पत्तागोभी डायबिटीज के खतरे को भी दूर करता हैं।

अमरूद

सर्दियों के मौसम में आप अमरूद को भी अपनी डाइट में शामिल जरूर करें। यह आपकी सेहत के लिए बहुत फायदेमंद होता हैं। 

इसमें भरपूर मात्रा में पोषक तत्व पाए जाते हैं,जो पाचन तंत्र में सुधार करते ही हैं, और साथ ही वजन घटाने में भी मददगार साबित होते हैं।आप अपना वजन कम करना चाहते हैं तो नियमित रूप से अमरूद का सेवन जरूर करें। 

वजन घटाने से लेकें त्वचा निखारने तक अनार को बनाएं अपना परम साथी!

आप अगर रोजाना अनार खाते हैं तो दिल, दिमाग और आंखों की सेहत ठीक रहती है।अमेरिकी संस्थान के द्वारा किए गए एक अध्ययन की रिपोर्ट में दावा किया गया है कि यदि आप रोजाना अनार खाने की आदत डाल लेतें हैं तो दिल की बीमारी का खतरा पूरी तरह खत्म हो सकता है। लेकिन अनार के दाने खाने से ज्यादा, अनार के जूस के ज़्यादा फायदे होते हैं।  क्योंकि इसमे विटामिन ए, कैल्शियम, विटामिन डी, विटामिन बी-12, प्रोटीन और पोटैशियम होता है, जो आपके पेट की सेहत के लिए जरूरी है।

फलों में अनार आपके स्वास्थ्य के लिए सबसे ज्यादा फायदेमंद माना जाता हैं। अगर आप सही समय पर अनार का सेवन करते हैं ,तो आपका शरीर और स्वास्थ्य बेहतर बनाया जा सकता हैं। 

अनार एक ऐसा फल हैं जो कोई भी मौसम में खाया जा सकता है।अनार में फाइबर, विटामिन के, विटामिन सी, और बी, आयरन, पोटेशियम, जिंक और ओमेगा-6 फैटी एसिड जैसे पोषक तत्व भी मौजूद होते हैं। जो आपके शरीर को स्वस्थ रखने में मदद कर सकते हैं।अनार का जूस निकालकर भी सेवन किया जा सकता है।ऐसा भी कहा जाता हैं कि अनार का सेवन आपके शरीर में खून की कमी को दूर करता हैं।अनार खाने से आपका दिमाग तेज होता हैं।

अनार एक ऐसा फल हैं जो हर किसी को पसंद होता हैं।अनार का छिलका बाहर से जितना कठोर होता है, अंदर से उतना ही वो स्वादिष्ट, और सबसे मीठा फल होता है।

किसी भी मनुष्य को, कोई रोग हो जाए, तो लोग उन्हें सबसे पहले अनार के सेवन की सलाह ही देते हैं।डॉक्टर भी यही सलाह देते हैं,कमजोरी दूर करने के लिए, या इलाज के बाद स्वास्थ्य लाभ पाने के दौरान, रोगी को अनार का सेवन की सलाह देते हैं।

अनार में भी अलग अलग प्रकार होते हैं? 

अनार के स्वाद में अंतर होने के कारण ये तीन किस्में पाई जाते हैं।

  • देशी अनार जो खट्टे-मीठे होते हैं।
  • कन्धार अनार जो मीठे होते हैं।
  • काबुल अनार जो मीठे होते हैं, और एक गुठली रहित अत्यन्त मीठा अनार आता है, जिसे बेदाना अनार के नाम से भी जाना जाता हैं। यह खाने में सबसे अच्छा होता है। फल की तुलना में छिल्के में अधिक गुण पाए जाता हैं।

अब रस में अंतर होने के कारण अनार फल तीन प्रकार के होते हैः-

  •  मीठे रस वाला अनार
  • खट्टे रस वाला अनार
  • मीठा-खट्टा रस वाला अनार

लेकिन क्या आप जानते हैं कि,अनार के  फायदे कौन-कौन से हैं? 

  • खून की कमी :

किसिको कभी भी खून की कमी, पीलिया ,डैंगु ,अनेमिया जैसी बीमारी होती है ,तो उन लोगों को अनार का सेवन करना बहुत जरूरी है क्योंकि इसमेें आयरन मौजूद होता है,जो आपके शरीर में खून की कमी को दूर करता है । 

  • दिल की बीमारी दूर करने के लिए :

अनार में फाइबर की मात्रा सबसे ज्यादा होती हैं।उसके साथ ही यह आपके शरीर में पानी की कमी को भी पूरा करता हैं।इसके अलावा यह खून को साफ करने में भी मदद करता है।इसलिए डॉक्टर्स आपको यह सलाह देते हैं की दिल की बीमारी में अनार का सेवन सबसे अच्छा होता हैं।

  • केलेस्ट्रोल :

अनार का सेवन करने से केलेस्ट्रोल नहीं बढ़ता हैं।इससे दिल की बीमारी का खतरा कम होता हैं । 

  • हड्डिया मजबूत करने के लिए अनार :

हड्डियों और जोड़ो के दर्द,अर्थराइटिस की परेशानी है तो अनार का सेवन करना शुरू कर लेंना चाहिए।उसमें अच्छी मात्रा में आयरन, कैल्शियम होता है। अनार का सेवन करना चाहिए, इसमेें अच्छी मात्रा में आयरन, कैल्शियम होता हैं। 

  • अनार से बढ़ाएं इम्युनिटी  :

अनार में एंटी बायोटिक, एंटी ऑक्सीडेंट, एंटीवायरल गुण होता है, जो आपके शरीर की इम्युनिटी को बढ़ाने में आपकी मदद करता हैं। जिससे इम्युनिटी मजबूत होती हैं और बीमारियां भी दूर रहती हैं।

  • किडनी की समस्या के लिए आनार :

अगर आपको किडनी या पथरी की समस्या है ,तो उनके डॉक्टर से बात करनी चाहिए और अनार का सेवन कितना करना हैं। इस्से किडनी की समस्या से थोड़ा आराम मिलेगा।अनार में अच्छे मात्रा में एंटीऑक्सीडेंट और एंटीइंफ्लेमेंटरी गुण होता है जो शरीर को मजबूत करता हैं। 

  • वजन घटाने के लिए :

वजन घटाने के लिए अनार बहुत ज्यादा फायदेमन्द होता हैं। अनार में अधिक मात्रा में फाइबर होता है ,जो आपकी चर्बी को कम करने में मदद करता हैं और इससे मोटापा भी कम होता हैं।लोगों का मानना है कि अनार की पत्तिया भी मोटापा कम करने में सहायता करती है।

  • त्वचा के लिए अनार के फायदे  

अनार आपकी त्वचा के कई तरह की समस्या को ठीक करने में मददगार साबित होता हैं क्योंकि इसमें विटामिन सी और एंटीऑक्सीडेंट पाए जातें है।अनार आपके त्वचा पर समय से पहले झुर्रिया को आने से भी रोकता हैं और इसके अलावा वो कील-मुंहासे और दाग-धब्बो को भी दूर करने में आपकी मदद करता है।अनार का सेवन यदि रोजाना करते हैं, तो आपकी त्वचा चमकती हैं।त्वचा रूखी हो, तैलीय हो, अनार दोनों तरह की त्वचा के लिए लाभदायक होता है। 

  •  बालो के लिए अनार के फायदे :

अनार में एंटीऑक्सीडेंट के गुण होते है, जो स्कैल्प में रक्त संचार को संतुलित रखता है।जो उलझे, रूखे, सुखें, बेजान बालो को मजबूत बनाने में मदद करता है। आपको यदि बालो के झड़ने की समस्या है तो अनार का जूस पीना चाहिए।अनार आपके बालों को शाइनी व सूंदर बनाता हैं।अनार बालों को विटामिन और पौष्टिक तत्व प्रदान करता हैं, जिससे बाल चमकते हैं। जिससे बालों के जडों को मजबूती मिलेगी और साथ ही में बाल गिरना भी बंद हो जाएंगे।

जवान बने रहने के लिए क्या करें

६० कि उम्र में आप २५ जैसा नहीं खा सकते है| हर उम्र में सिमित मात्रा मई ही खाना चाहिए और अच्छे से ख्याल रखना चाहिए सेहत का| यह कहा जाता है कि आहार हमेशा उम्र, लिंग और रोज का काम के हिसाब से लेना चाहिए| बिलकुल वैसे ही जैसे छोटे बच्चो के लिए अलग आहार कि आवश्यकता होती है और एक गर्भवती महिला के लिए अलग|
उम्र बढ़ने पर पोषक तत्वों कि सिमित बढ़ती है और बदलती है इसलिए आपको आपके उम्र, लिंग और काम के हिसाब से आहार का सेवन करना चाहिए| कुछ जानकारी आपके लिए निचे दी गयी है|

अगर आप १० वर्ष के है तो|

१० वर्ष क बच्चो के लिए आहार मई प्रोटीन कि मात्रा ज्यादा होनी चाहिए जैसे कि फल, ड्राई फ्रूट्स, आलू, गोबी, ग्रीन बीन, ब्रोकोली, बाजरा, राजमा आदि| इसके अलावा उनके आहार में दही, दूध आदि बी शामिल करना चाहिए|

अगर आपकी उम्र २० वर्ष कि है तो|

२० वर्ष कि उम्र में हड्डियां और मॉस जल्दी से बढ़ता है इसलिए इस उम्र में कैल्शियम, प्रोटीन और कार्बोहाइड्रेट्स वाली चीज़े शामिल करनी चाहिए| जैसे कि नट्स, फल, जूस, ड्राई फ्रूट्स, दूध, दही, प्रोटीन से भरा खाना सब्जी आदि का सेवन करना चाहिए|

अगर आप ३० वर्ष के है तो|

इस उम्र में आपके शरीर मई बहोत बदलाव आते है और इसलिए आपको अपना आहार अच्छे से लेना चाहिए| इस उम्र मई स्वस्थ रहने के लिए आपको अंडा, नारियल, जैतून का तेल और फल को शामिल करे| यह उम्र मई एंटीऑक्सीडेंट, विटामिन इ का पूरा सेवन ले|

अगर आप ४० कि उम्र के है तो|

इस उम्र में आपको बीमारी होने का सबसे ज्यादा दर रहता है इसलिए इस उम्र मई आपको फल, गोबी, पत्तागोबी, ब्रोकोली, लहसुन, प्याज़, आदि को अपने आहार मई अधिक मात्रा मई शामिल करना चाहिए|

अगर आप ५० कि उम्र के है तो|

इस उम्र मई आपकी हड्डियां और मासपेशियां कमजोर होने लगती है| इसलिए आपको अपने आहार में प्रोटीन कि मात्रा बढ़ा देनी चाहिए और फल, नट्स, का सेवन करना चाहिए|
इस तरह ऊपर दी गयी टिप्स से अपना ख्याल रखे और स्वस्थ रहे|

बथुआ खाने के 21 फायदे और नुकसान Bathua Khane Ke Fayde aur Nuksan

बथुआ एक हरी सब्जी है जो सर्दी में खायी जाती है। इसका इस्तेमाल हम साग, रायता, सब्जी आदि जैसी चीज़े बनाकर कर सकते है। बथुआ में अधिक मात्रा में विटामिन ए, कैल्शियम, फॉस्फोरस जैसे गुण पाए जाते है। यह खाने में तो स्वादिष्ट होते है परन्तु गुणों में भी भरपूर होते है। इसे खाने से कई प्रकार की बीमारियों से लड़ने की शक्ति मिलती है साथ ही बीमारियों को दूर भी करती है।

बथुआ खाने के कई फायदे है। यह हमारी आखों, त्वचा, बालो के संबंधी परेशानियां, ब्लड प्रेशर, पायरिया आदि जैसी बीमारियों को दूर भगा देती है। बथुआ को हमे हमारी डाइट में शामिल करना चाहिए जिससे हमारा शरीर अनेक प्रकार की बीमारियों को दूर भगा सके और उससे लड़ने की शक्ति प्राप्त हो। आइये जानते है बथुआ के फायदे एवं नुक्सान।

1 बवासीर दूर करने में सक्षम है।

बवासीर की बीमारी ऐसी है जिसका दर्द सहन नहीं हो पाता और ना हम किसी को बता सकते है। बवासीर 2 प्रकार के होती है – खुनी और सुखी बवासीर और इन दोनों का ही दर्द मनुष्य सहन नहीं कर पाता है और इसलिए वह कमज़ोर हो जाता है। बथुआ को अपने खानपान में शामिल करने से बवासीर से काफी हद तक आराम मिलता है। इसलिए ऐसे समय में बथुआ के ताजे पत्तो का रस पीने की सलाह दी जाती है।

2 कब्ज बथुआ को दूर करता है।

बथुआ को खाने में सब्जी की तरह शामिल करने कब्ज, एसिडिटी, आदि जैसी अनेक बीमारिया भाग जाती है। बथुआ में फाइबर के अधिक गुण पाए गए है जिससे पेट साफ़ होता है और पेट से संबंधी सारी परेशानियां दूर होती है। आप बथुआ को सब्जी क अलावा रायता के रूप में भी ले सकते है।

3 पेट के कीड़ो को कम करता है।

इंसानो के पेट में कीड़ो की समस्या अधिकतर पायी जाती है जिसकी वजह से कमज़ोरी, चेहरा पीला पढ़ना, थकान लगना आदि जैसी परेशानियां शुरू हो जाती है। पेट के कीड़ो की परेशानी की वजह से खाने पीने का मन नहीं करता इसलिए बथुआ का रस में नमक मिलाकर पीने का सुझाव दिया जाता है।

4 पायरिया जैसी बीमारी भी कम हो जाती है।

पायरिया की वजह से मुँह में बदबू होती है, दांत और मसूड़े कमज़ोर होती है और अधिकतर लोगो को सूजन भी दिखाई देती है। बथुआ का उपयोग करने से बदबू कम होती है और सूजन वाली पर बथुआ लगाने से सूजन भी कम हो जाती है।

5 खून की कमी भी भाग जाती है।

हम सब लोग जानते है की खून की कमी होने से हरी सब्जी खाने का सुझाव दिया जाता है और उन्ही में से एक है बथुआ की सब्जी। इसको अपने डाइट में शामिल करने से खून साफ़ भी होता है और खून बढ़ता भी है, इसके अलावा खून को शुद्ध भी करता है।

6 मूत्राशय की अनेक बीमारिया दूर होती है।

मूत्राशय से समबन्दित अनेक बीमारिया जैसे बार बार पेशाब जाना, रूक कर आना आदि जैसी परेशानियां दूर हो जाता है यदि बथुआ का सेवन सही मात्रा में किया जाए।

7 आँखों की राशि बढ़ती है।

बथुआ विटामिन ए और कैल्शियम से भरपूर होता है जिससे आँखों की रौशनी बढ़ती है और आस पास के डार्क सर्कल्स भी दूर होते है।

8 चर्म की बीमारिया दूर।

चर्म की बीमारियों से दूर करता है बथुआ जैसे खुजली, फोड़े, खाज, आदि जैसी परेशानियां कम हो जाती है अगर बथुआ की सब्जी बनाकर खाये। सफ़ेद दागो को दूर करने के लिए बथुए को पीसकर उस जगह लगाने से वह जगह साफ़ हो जाती है। 

9 पोलियो जैसा रोग दूर।

पोलियो की बीमारी को भगाने में बथुए के रस का सेवन करने की सलाह दी गयी है। दिन में दो बार ऐसा करने का सुझाव दिया गया है।

10 त्वचा को और चमकदार बनाये।

त्वचा को और चमकदार और निरोगी बनाने में बथुए की सब्जी का बड़ा योगदान है। इसकी सब्जी या रायता बनाकर खाने से त्वचा के दाग, मुहांसे, आदि सब दूर हो जाता है।

11 बालो की परेशानियां दूर।

बालो में चमक लाने के लिए बथुए का सेवन करना लाभदायक रहता है। यह बालो को चमक देने के साथ साथ बालो में नमी भी बनाये रखता है और साथ ही और घने काले बनाने में मदद करता है। बथुए के पानी से सर धोने का सुझाव दिया जाता है।

12 बच्चो के लिए अनेक फायदे।

बच्चो को बथुए का सेवन कराने से उनके पेट के कीड़े मर जाते है और उन्हें ऊर्जा मिलती है।

13 किडनी की पथरी से भी आराम।

बथुए का सेवन करने से पथरी की बीमारी से राहत मिल सकती है। बथुए के रस, सब्जी या रायता खाने से इस बीमारी से आराम मिलता है।

14 प्रसव में भी लाभदायक है।

अगर आप अभी प्रसव से आये है तो आपको बथुआ खाने से बहुत लाभ मिलेगा। इससे शरीर में शक्ति मिलती है जिससे कमज़ोरी दूर भाग जाती है।

15 अनियमित मासिक में भी लाभ।

अनियमित रूप से मासिक होना भी औरतो के लिए हानिकारक है और इस समस्या का बहुत ही सरल उपाय है बथुआ। आप बथुआ किसी भी रूप से ले सकते हो चाहे उसका रस पियो, चाहे सब्जी बनाओ या फिर रायता बनाओ।

16 पीलिया भी कम हो सकता है।

पीलिया जैसी बीमारी भी दूर हो सकती है बथुए का सेवन करने से अगर सही मात्रा और सही तरीके से उपयोग किया गया हो।

बथुआ के नुक्सान।

बथुए के फायदे अनेक है और उसके नुक्सान भी काफी है। 

1 बथुए को एक सिमित मात्रा में ना लेने से कई बार स्वस्थ्य बिगड़ता है और काफी नुक्सान भी देता है।

2 बथुआ को ज्यादा मात्रा में लेने से डायरिया की परेशानी हो सकती है।

3 गर्भवती महिला अगर बथुआ ज्यादा मात्रा में ग्रहण कर ले तो वह गर्भपात हो सकती है।

4 बथुए की ज्यादा मात्रा दस्त, उलटी, और पेट भी ख़राब कर सकता है।

5 बथुआ शरीर में कैल्शियम को बढ़ाता है लेकिन अधिक मात्रा में लेने से कैल्शियम की कमी भी हो सकती है।

तो यह है बथुए के फायदे और नुक्सान, इसलिए एक सलाह दी गयी है किसी भी चीज़ को अधिक मात्रा में लेना हानिकारक हो सकता है। बथुए का भी कुछ इसी प्रकार सेवन करना है की वह ना ज्यादा मात्रा में हो ना कम मात्रा में।

वजन घटाने का सबसे आसान उपाय

आपके सामने पेश है वजन घटाने का सबसे आसान उपाय! क्या आप अपने मोटापे से परेशान है? क्या आप थक चुके है वजन घटाने के नुस्के का उपयोग कर के? तो फिर आपके लिए यह बहोत ही फायदेमंद और आसान तरीका है| अक्सर वजन घटाने के लिए सुबह गन-गुने पानी मई निम्बू सहित उपभोग करने कि सलाह दी जाती है|लेकिन यह हर कोई नहीं कर सकता क्यूकि किसी के लिए सुबह उठकर ऐसा कर पाना मुश्किल होता है|

इसलिए यह निचे दिया गया नुस्खा आपके लिए बहोत ही अच्छा और आसान रहेगा| लोग वजन घटने के लिए क्या कुछ करते है जिम जाना, एरोबिक्स, योग, वर्कआउट आदि, पर यह सब जब तक करेंगे तब तक आप स्वस्थ रहेंगे| तो वजन काम कैसे करे बिलकुल ही आसान उपाय से? वजन घटाने क लिए लोग हर एक सलाह मानते है पर हर बार कि तरह निराश ही रह जाते है|

आप अगर सुबह उठकर निम्बू शहद वाला गन-गुना पानी नहीं पी पा रहे है तो कोई बात नहीं| पानी पीने कि सलाह दी जाती है वजन घटाने के लिए लेकिन कब, कितना और कैसे पानी पीने से फायदेमंद रहेगा यह नहीं बताया जाता है|

यह माना जाता है कि खाना खाने से पहले पानी पीने से खाना काम मात्रा में लिया जाता है| यह देखा गया है कि जो लोग खाना खाने से कुछ समय पहले पानी पीते है वो लोग कि खाना खाने कि मात्रा मई ४० परसेंट काम होता है| अगर आपको वजन काम करना है तो देर सारा पानी पीजिये| वजन घटाने के लिए आपको सिर्फ यह करना है –

  1.  खाना खाने से १५ मिनट पहले एक गिलास पानी पीजिये|
  2.  खाना खाने क आधे घंटे भाड़ पानी का सेवन करे और खाने क तुरंत भाड़ पानी मत पीजिये|
  3.  दिन में ८ से १० गिलास पानी का सेवन करे|

इस टिप्स को ध्यान मई रखते हुए उसका पालन करे और जल्द ही परिणाम देखे| आपको इसका परिणाम ३ से ४ हफ्तों मई दिखेगा| आपकी बॉडी में में आपको बदलाव दिखेंगे और आपको हल्का महसूस होगा| ये था सबसे आसान उपाय वजन घटाने का|

सेहत का ख्याल रखना है जरूरी । किंतु, नमक की मात्रा में अधिक कटौती है बुरी! किन लोगों को है सतर्क रहने की जरूरत।

सेहत ही सम्मपती है यह तो सब जानते ही है। इसीलिए आज के समय में लोग अपनी सेहत को लेकर अधिक ध्यान देते है जैसे तेल कम खाना, प्राणायाम करना, एवं नमक, चीनी आदि की मात्रा में कटौती करना। परन्तु, क्या आप जानते है कि अधिक फीका खाना है सेहत के लिए हानिकारक? इसलिए संभल जाइए और इस लेख के अंत में हम आपको देंगे एक बोनस टिप!

शोधकर्ताओं के अनुसार –

जिस तरह नमक का अधिक सेवन हानिकारक है उसी तरह नमक की कमी भी हानिकारक है। अधिक समय की कटौती नमक में ‘इंटरल्यूकिन-17’ (एक सफेद रक्त कोशिका है) की कमी हो सकती है। इसमें कमी आने से इंसान रोगों के प्रति अधिक संवेदनशील हो जाता है।

किन मरीज़ों को रहना होगा अधिक सावधान – 

यूं तो हर किसी को अपने आहार को अपनी क्षमता और सेहत का ख्याल रखते हुए ग्रहण करना चाहिए। किसी भी व्यक्ति एवं मरीज़ को डॉ की सलाह के बगैर नमक की मात्रा घटानी या बढ़ानी नहीं चाहिए। 

  • डायबिटीज़ के मरीज़ों को इस बात का अधिक खयाल रखना होता है। यूं तो डायबिटीज़ के मरीज़ों का खाना फिक्स होता हैं। किन्तु, कई बार नमक कम होने से सोडियम की कमी होती है जिसके चलते उन्हें चक्कर, थकान, सुस्ती और कमज़ोरी हो सकती है।
  • ब्लड शुगर – यदि, सोडियम की अधिक कमी हुई तो इससे ब्लड प्रेशर भी बढ़ सकता है। जिससे आपकी सेहत को और भी नुकसान हो सकता है। इतना ही नहीं, दिल का दौरा एवं ब्लड प्रेशर  में भी उतार चड़ाव हो सकता है।
  • डिप्रेशन – इसका असर होता तो मानव के दिमाग पर है परन्तु, इस समय में अपनी सेहत का खयाल रखना भी जरूरी है। यदि, मानसिक रूप से रहना है स्वस्थ तो शारीरिक रूप से भी रहना होगा मस्त और खाना होगा नमक। अधिक डाइटिंग करना भी मानसिक रोगी को तनाव दे सकता है।
  • किडनी मरीज़ों को होना होगा सावधान – शोधकर्ताओं का कहना है कि – किडनी के मरीज़ों को जब तक कहा ना जाए तब तक उन्हें अपने खाने में कुछ बदलाव नहीं करना चाहिए। बार बार मूत्र और फंगल की समस्या हो तो डॉ को खबर करें, वह दवाई या इंजेक्शन के कारण भी हो सकती है। जरूरी नहीं कि वह नमक के कारण ही हो। 

मानव शरीर में सोडियम की मात्रा रोजाना 2200 – 2400 मिलीग्राम के बीच होना चाहिए। यदि, सोडियम की मात्रा 3300 से अधिक हो तो तुरंत करना चाहिए डॉ को खबर।

बिना समय गवाए जानते है बोनस टिप!

  • नमक के बजाय आप पुदीना, दालचीनी अच्छे स्वाद के लिए उपयोग कर सकते हो।
  • यदि, नमक मना है तो खाने को स्वादिष्ट बनाने के लिए नमक के बजाय कुछ स्वादिष्ट और सोडियम से भरपूर सामग्री का इस्तेमाल करें।
  • व्यायाम करने की आदत डालें – किन्तु, अपने डॉ की सलाह के पश्चात।
  • इससे आपकी सेहत स्वस्थ रहेगी, मानसिक रूप से आप स्वस्थ रहेंगे और आपके चहरे का तेज भी बढ़ेगा।

पतझड़ में जन्मे बच्चों में अस्थमा होने की होती है अधिक संभावना – पता चला है एक शोध से – कैसे रखें सेहत का खयाल!

पतझड़ का मौसम वातावरण एवं मनुष्य जीवन में बदलाव भी लाता है। बच्चे हो या बुजुर्ग आज के समय में अपनी सेहत का खयाल तो हर किसी को रखना होता है। इंफेक्शन का खतरा बच्चे हो या बुजुर्ग आज के समय में तो हर किसी कि यह खतरा होता ही है। अस्थमा की बीमारी आज के समय दिन प्रतिदिन बढ़ती ही जा रही है। ऐसे में खुदका और खिड़की सेहत का खयाल किस तरह रखा जाए आइए जानते है इस लेख में!

सोध से पता चला हैं की –

पतझड़ में जो बच्चे जन्म लेते है उन पर अस्थमा का खतरा सबसे अधिक होता है। ब्रिटेन में करीब 20% लोग एक एलर्जी से पीड़ित होते है – अस्थमा। किन्तु, डॉक्टर का कहना है कि उनमें से भी अधिक संख्या उनकी है को पतझड़ के मौसम में पैदा हुए है। 

उनकी त्वचा वातावरण और भी की चीजें किसी भी बीमारी का कारण होते है। पतझड़ में पैदा हुए बच्चो कि त्वचा सुखी भी होती है। जो बच्चे पतझड़ में पैदा होते है उनकी त्वचा कमजोर होती है इसलिए हानिकारक बैक्टीरिया उन पर बार-बार अटैक करते है।

सोधकर्ताओं का कहना है कि – ज्यादातर एलर्जी बचपन में ही शुरू होती है जब एलर्जी फैलाने वाले रोगाणु सूखी हुई त्वचा से अंदर प्रवेश करते हैं। 

कैसे रखें खयाल?

  • खाने में विटामिन D अवश्य शामिल करें। जैसे दूध, अंडे आदि।
  • मैग्नेशियम से भरपूर आहार लें।
  • हरी सब्जियां एवं गाजर भी अपने खाने में अवश्य शामिल करें।
  • सेब एवं केले जैसे फल भी दिन में एक बार अवश्य खाएं।
  • हर रोज़ प्राणायाम करने की आदत डालें।

यदि, बालपन से भी अच्छे से देख बाल की जाएं तो बड़ी उम्र में तकलीफ नहीं होगी। 

इस बीमारी के इलाज के लिए कई तरह की ट्रीटमेंट्स मौजूद है। 

जैसे – एलर्जी शॉट्स, एलर्जी की दवाएं, और long-acting beta antagonists (LABAs), आदि।